दिवाली 2024 तिथि, समय: दीपावली, जिसे आमतौर पर दिवाली के रूप में जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में सबसे प्रतीक्षित और व्यापक रूप से मनाए जाने वाले हिंदू त्योहारों में से एक है।
इसे व्यापक रूप से रोशनी, खुशी, धन और प्रसन्नता का उत्सव माना जाता है, जो आमतौर पर हिंदू महीने कार्तिक में वर्ष की सबसे अंधेरी रात को मनाया जाता है, जिसे कार्तिक अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है, जो सबसे महत्वपूर्ण दिन है।
पांच दिवसीय उत्सव जो धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है।
भारत में दिवाली 2024: तिथि और पूजा समय
दिवाली हिंदू चन्द्र-सौर महीनों अश्विन और कार्तिक में मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर के मध्य और नवंबर के मध्य में होते हैं।
प्राचीन हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक मास की पंद्रहवीं अमावस्या को मनाई जाती है।
2024 में, रोशनी का त्योहार गुरुवार, 31 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा । भारत भर में मनाए जाने वाले पाँच दिवसीय दिवाली उत्सव के लिए नीचे दी गई तालिका देखें।
त्योहार तारीख
धनतेरस 29 अक्टूबर, 2024 (मंगलवार)
नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) 31 अक्टूबर, 2024 (गुरुवार)
दिवाली (लक्ष्मी पूजन) 31 अक्टूबर, 2024 (गुरुवार)
गोवर्धन पूजा, अन्नकूट 2 नवंबर, 2024 (शनिवार)
भाई दूज, यम द्वितीया 3 नवंबर, 2024 (रविवार)
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस दिन के लिए शुभ समय (शुभ मुहूर्त) इस प्रकार हैं:
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- शाम 6:52 बजे से रात 8:41 बजे तक
प्रदोष काल- शाम 6:10 बजे से रात 8:52 बजे तक
वृषभ काल- शाम 6:52 बजे से रात 8:41 बजे तक
अमावस्या तिथि प्रारंभ - 31 अक्टूबर सुबह 6:22 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त - 1 नवंबर सुबह 8:46 बजे
भारत में दिवाली 2024: इतिहास, महत्व और अनुष्ठान
दिवाली, जिसे दीपावली या रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है, एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जिसका गहरा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है।
यह अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर धर्म की विजय और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। दीये जलाना आंतरिक प्रकाश का प्रतीक है जो आध्यात्मिक अंधकार से रक्षा करता है।
दिवाली की उत्पत्ति प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं से हुई है। लोककथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम दुष्ट राजा रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद अयोध्या के अपने राज्य में लौटे थे।
चूंकि यह कार्तिक माह में अमावस्या का दिन था, इसलिए अयोध्यावासियों ने भगवान राम का स्वागत दीये जलाकर और अपने घरों को रंगोली बनाकर किया।
इसके विपरीत, दक्षिण भारत में लोग याद करते हैं कि भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को कब पराजित किया था।
इसके अतिरिक्त, यह दावा किया जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का विवाह हुआ था, जबकि अन्य कहानियों के अनुसार, देवी लक्ष्मी का जन्म कार्तिक माह की अमावस्या के दिन हुआ था।
दुनिया भर में लोग दीपावली या रोशनी का त्योहार, अत्यधिक खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं।
इस दिन लोग भगवान गणेश और श्री लक्ष्मी की नई मूर्तियां स्थापित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
लक्ष्मी-गणेश पूजा के अलावा कुबेर पूजा और बही-खाता पूजा भी की जाती है।
पूजा के बाद लोग अपने पड़ोसियों और मित्रों के साथ मिठाइयां और उपहार बांटते हैं, दीये जलाते हैं और आतिशबाजी करते हैं।
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